JEE में Percentile कैसे कैलकुलेट करें? – पूरी जानकारी हिंदी में
अगर आप JEE (Joint Entrance Examination) की तैयारी कर रहे हैं या आपने हाल ही में परीक्षा दी है, तो आपने जरूर “Percentile” शब्द सुना होगा। बहुत से छात्रों को यह समझने में मुश्किल होती है कि JEE में Percentile आखिर होता क्या है और इसे कैसे कैलकुलेट किया जाता है। चलिए इस पोस्ट में इसे आसान भाषा में समझते हैं।
Percentile क्या होता है?
Percentile एक सांख्यिकीय माप है जो बताता है कि आपने कितने प्रतिशत छात्रों से बेहतर प्रदर्शन किया है। यह आपकी रैंक नहीं होती, लेकिन यह बताती है कि आपका स्कोर बाकी छात्रों की तुलना में कहां खड़ा है।
उदाहरण: अगर आपका Percentile 95 है, तो इसका मतलब है कि आपने 95% छात्रों से बेहतर स्कोर किया है।
JEE में Percentile कैसे कैलकुलेट किया जाता है?
JEE Main की परीक्षा कई शिफ्टों में होती है, इसलिए हर शिफ्ट का पेपर अलग होता है और कठिनाई का स्तर भी थोड़ा-बहुत अलग हो सकता है। इसलिए सीधा स्कोर की बजाय, NTA (National Testing Agency) Percentile सिस्टम का इस्तेमाल करता है।
Percentile निकालने का फॉर्मूला:
Percentile Score = (N – Rank of the candidate in that session) / N × 100
जहां:
N = उस शिफ्ट में परीक्षा देने वाले कुल उम्मीदवारों की संख्या
Rank = उस शिफ्ट में आपकी रैंकएक उदाहरण से समझिए:
मान लीजिए:
आपकी शिफ्ट में कुल 90,000 छात्र थे।
आपकी रैंक 9,000 है।तो आपका Percentile होगा:
= (90000 – 9000) / 90000 × 100
= 81000 / 90000 × 100
= 90.00 Percentile
इसका मतलब आपने 90% छात्रों से बेहतर प्रदर्शन किया।
क्यों Percentile का इस्तेमाल किया जाता है?
- क्योंकि सभी शिफ्टों के पेपर एक जैसे नहीं होते।
- यह स्कोर को एक समान पैमाने पर लाता है।
- इससे सभी छात्रों की निष्पक्ष तुलना संभव हो पाती है।
Final Percentile कैसे निकाला जाता है?
JEE Main में Physics, Chemistry और Mathematics तीनों का अलग-अलग Percentile निकाला जाता है, और फिर एक Normalized Overall Percentile Score निकाला जाता है।
निष्कर्ष:
JEE में Percentile आपके परफॉर्मेंस को सही तरीके से दर्शाने का माध्यम है, खासकर जब परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होती है। सही समझ और रणनीति से आप न केवल बेहतर स्कोर कर सकते हैं बल्कि अपनी रैंक भी सुधार सकते हैं।
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